संविधान की अवधारणा क्या है?|What Is The Concept Of Constitution|Part-2
संविधान की अवधारणा
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संविधान की अवधारणा |
संविधान क्या है..?
किसी व्यवस्था को संचालित करने हेतु बनाई गई नीतियों के समुच्चय को संविधान कहा जाता है.
संविधान के प्रकार:-
संविधान को संशोधन प्रक्रिया के आधार पर दो भागों में बांटा गया है:-
1.कठोर संविधान:- कठोर संविधान व्यवस्थापिका में संशोधन के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है
2.लचीला संविधान:- जब उपस्थित लोगों के साथ व्यवस्थापिका में संशोधन कर दिया जाता है.
नोट:- भारत का संविधान कठोर और लचीला दोनों प्रकार का है क्योंकी अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन हेतु विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है.और कुछ प्रावधान संसद के अन्य सामान बहुमत से संशोधित हो जाते हैं.
~लिखित संविधान:- भारत का संविधान पूर्णता लिखित और दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.
~अलिखित संविधान:-का उदाहरण ब्रिटेन यहां शासन सिर्फ परंपराओं से चलता है.
~निर्मित संविधान:-भारत के संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया है इसलिए यह एक निर्मित संविधान है
विकसित संविधान:-संविधान भारत के संविधान में अभी तक लगभग 104 संशोधन हो चुके हैं, और इसमें लगातार विकास हो रहा है इसलिए यह एक विकसित संविधान है.
~भारत का संविधान निर्मित एवं विकसित दोनों प्रकार का है.
संविधान वाद क्या है..?
संविधान वाद का वास्तविक अर्थ सीमित सरकार से है. जैसे:- सरकार तानाशाही ,निरंकुश्ता और संविधान के विपरीत कोई और एक कार्य न करे.संविधान वाद में निरंकुशता और तानाशाही का अभाव होता है,और लोगों के अनुसार कार्य होते हैं.
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