क्या है लेपाक्षी मंदिर का रहस्य और इतिहास,Veerabhadra Temple, Lepakshi.
हाल में ही प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आंध्रप्रदेश यात्रा से चर्चा में आये लेपाक्षी/वीरभद्र मंदिर क्यों है इतना खास..?
वीरभद्र/लेपाक्षी मंदिर का इतिहास:-
●वीरभद्र मंदिर या लेपाक्षी मंदिर का निर्माण सन-1530 ईसवी में दो भाइयों- विरुपन्ना नायक और विरन्ना द्वारा किया गया था.
●इन्होंने दक्षिणी भारत में प्रसिद्ध साम्राज्य विजयनगर के राजा - अच्युतराय के शासनकाल के दौरान उच्च पदों पर कार्य किया था।
●मंदिर के मुख्य देवता वीरभद्र हैं, जो हिंदू भगवान शिव का दूसरा उग्र रूप है।
●वर्तमान में ये मंदिर आंध्र प्रदेश में स्तिथ है.
मंदिर का उल्लेख:-
●लेपाक्षी/वीरभद्र मंदिर को 'हैंगिंग पिलर टेंपल' के नाम से भी जाना जाता है।
●क्योकी इस मंदिर के पिलर हवा में लटके हुए हैं इसी कारण यह मंदिर अपनी वस्तु कला और विज्ञानी दृष्टि से रहस्यों से भरा हुआ है.
●लेपाक्षी का वीरभद्र मंदिर करीब 486 साल
पुराना है।
●इस मंदिर में कुल 70 खंभे हैं, जिसमें से एक खंभा जमीन से जुड़ा नहीं है ।
वो रहस्यमयी तरीके से हवा में लटका हुआ है।
●रामायण में भी इसका खास महत्व है।
दरअसल,
●जब रावण माता सीता का अपहरण कर रहा था तो उससे युद्ध के बाद जटायु घायल होकर यहीं गिरे थे। मरते हुए जटायु ने भगवान राम को बताया था कि माता सीता को रावण दक्षिण की ओर ले गया है।
इसी तरह की रोचक तथ्यों से भरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए टेलीग्राम ग्रुप को अभी जॉइन कर लें..
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें