भारत का सोलर मिशन आदित्य L1|Aaditya L1 In Hindi.
सोलर मिशन आदित्य L1
आदित्य एल-1 मिशन क्या है:- चंद्रयान-3 की सफलता के बाद 2 दिसंबर सुबह 10:00 बजे पीएसएलवी-C57 के XL रॉकेट के द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत का सोलर मिशन आदित्य एल1 की लांचिंग की गई.
![]() |
सोलर मिशन आदित्य L1 |
L1 क्या है.?
आदित्य एल-1 यह एक लैन्ग्रेज़ पॉइंट है, जिसे सामान्य बोलचाल में L1 कहा जाता है. ऐसे 5 पॉइंट पृथ्वी और सूर्य के मध्य स्थित हैं .L1 अंतरिक्ष में एक ऐसा स्थान है जहां पृथ्वी और सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्तियां संतुलित रहती हैं.
सूर्य का अध्ययन क्यों जरूरी है.?
भारत का सोलर मिशन जिस सौर्य मंडल में हमारी पृथ्वी है, उसका केंद्र सूर्य है. पृथ्वी सहित आठ ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं .सूर्य से लगातार ऊर्जा निकलती है ,सूर्य की वजह से ही पृथ्वी पर जीवन है. सूर्य का अध्ययन करके यह पता लगाया जा सकता है की सूर्य में होने वाले बदलाव पृथ्वी और अंतरिक्ष को कैसे प्रभावित करेंगे.
सूर्य से हमे क्या मिलता है.?
सूर्य से दो प्रकार से ऊर्जा का प्रसार होता है:-
1.सूर्य के प्रकाश का सामान्य प्रसार जो पृथ्वी को रोशन करता है और जीवन को संभव बनाता है.
2.जब सूर्य के चुंबकीय कणों का विस्फोट होता है, तो इसमें इलेक्ट्रॉनिक चीज खराब हो जाती हैं, इस घटना को सोलर फ्लेयर कहा जाता है. जब यह फेल्यर पृथ्वी तक पहुंचता है, तो पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड हमें इससे बचती है .अगर यह अंतरिक्ष में मौजूद सेटेलाइट से टकरा जाए तो पृथ्वी का कम्युनिकेशन सिस्टम प्रभावित हो जाता है.
इसरो सूर्य को समझना चाहता है की अगर वैज्ञानिकों के पास सोलर फ्लेयर की ज्यादा समझ होगी तो इससे निपटने की उचित कदम उठाए जा सकते हैं.
Telegram link:-https://t.me/sharmastudies
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें