भारत का संवैधानिक इतिहास|CONSTITUTIONAL HISTORY OF INDIA|PART-1.
भारत का संवैधानिक इतिहास
भारत का संवैधानिक इतिहास :- 26 जनवरी 1950 से पहले जिस व्यवस्था के तहत भारत में शासन को चलाया गया, वहीं संविधान का इतिहास है.
भारत के संवैधानिक इतिहास का प्रारंभ 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट से माना जाता है.।
Indian constitution in hindi.
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भारत का संवैधानिक इतिहास |
1.1773 का रेगुलेटिंग एक्ट:-
~1773 के अधिनियम द्वारा भारत की शासन व्यवस्था को ब्रिटिश संसद द्वारा पहली बार नियमित किया गया था, इसलिए इस एक्ट को रेगुलेटिंग एक्ट कहा जाता है.
~ब्रिटिश संसद द्वारा भारत की शासन व्यवस्था को संचालित करने हेतु बनाया गया पहला कानून था.
◆इस एक्ट के द्वारा भारत में पहली बार गवर्नर जनरल का पद सृजित किया गया था.
◆साथ ही मद्रास और मुंबई के लिए भी गवर्नर नियुक्त किये गए.
◆गवर्नर जनरल के पद को बंगाल का गवर्नर जनरल कहा गया.
◆तथा मद्रास और मुंबई के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन कर दिया गया.
◆बंगाल के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग थे.
◆इस एक्ट के तहत पहली बार सर्वोच्च न्यायालय का प्रावधान कोलकाता में किया गया.
◆लेकिन सर्वोचन न्यायालय की स्थापना 1774 में की गई.
◆इस सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश सर एलिजा एम्पे थे.
◆इसके बाद समय-समय पर कंपनी के शासन को 20 वर्ष तक बढ़ाने के लिए चार चार्टर एक्ट लाये गए.
【1793, 1813 ,1833 और 1853】
Constitutional histroy of india.
नोट:-परीक्षा को दृष्टि से महत्पूर्ण चार्टर एक्ट नीचे उल्लेखित है.
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◆ चार्टर एक्ट-1835:- इस एक्ट के तहत बंगाल की गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा था.
◆ भारत के पहला गवर्नर जनरल:- लॉर्ड विलियम बैंटिक थे.
◆ चार्टर एक्ट 1853:- यह अंतिम चार्टर एक्ट था.
◆ इस एक्ट के द्वारा कंपनी को एक निश्चित अवधि तक राजनीतिक गतिविधियां संचालित करने का अवसर नहीं दिया गया.
◆ इस एक्ट में 20 वर्ष की अवधि का उल्लेख नहीं किया गया,
◆कंपनी के शासन की समाप्ति के बीच इसी एक्ट से पड़े.
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