भारत का संवैधानिक विकास,भारत शासन अधिनियम-1858 और 1909,Constitutional Development Of India
भारत का संवैधानिक विकास
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भारत शासन अधिनियम-1858,1909 |
भारत शासन अधिनियम 1858:-
Bhart ka samvidhan in hindi.
◆इस अधिनियम के द्वारा कंपनी का शासन समाप्त हुआ और भारत की शासन व्यवस्था ब्रिटिश महारानी के अधीन कर दी गई.
◆इस समय ब्रिटेन की महारानी:- महारानी विक्टोरिया थी.
◆यहां से ब्रिटिश का भारत पर प्रत्यक्ष निरंतर नियंत्रण आरंभ हो गया.
Bhart shasan adhiniyam-1858 in hindi.
◆भारत शासन अधिनियम 1858:- 1 नवंबर 1958 को भारत पर लागू किया गया.
◆ इस एक्ट का पूरा नाम :- एक्ट का वेटर गवर्नमेंट आफ इंडिया था.
◆भारत शासन अधिनियम 1858:- के तहत गवर्नर जनरल का नाम बदलकर वायसराय कर दिया गया.
◆ब्रिटिश भारत-गवर्नर जनरल के अधीन और देशी रियासतें वायसराय के अधीन कर दी गई.
◆भारत के प्रथम वायसराय लॉर्ड कैनिंग थे.
◆ब्रिटेन की मंत्री परिषद में भारत सचिव या भारत मंत्री नाम का एक नया पद सृजित किया गया.
◆पहले भारत सचिव एडवर्ड स्टेनली या लॉर्ड बुड्स थे.
◆ भारत सचिव का पद भारत के मामलों की निगरानी करना था.
◆1861 के भारत परिषद अधिनियम के द्वारा गवर्नर जनरल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति दी गई.
भारत परिषद अधिनियम 1909:-
Bhart shasan adhiniyam-1909 in hindi.
◆इस अधिनियम को मार्ले मिंटो अधिनियम भी कहा जाता है.
◆इस समय भारत सचिव मार्ले तथा गवर्नर जनरल मिंटो थे.
◆ इस अधिनियम के तहत पहली बार सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत हुई.
◆के.एम. मुंशी इस अधिनियम को भारत के उभरते लोकतंत्र की हत्या की संज्ञा दी थी.
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